/ Mar 12, 2025
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सिवनी-मध्य प्रदेश का पेंच नेशनल टाइगर रिजर्व पूरे विश्व में बाघों के लिए प्रसिद्ध है, जिस तरह पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या पर बढ़ोतरी हो रही है, इस तरह ग्रामीण पर बाघों के हमले जैसी घटनाओं पर भी बढ़ोतरी हो रही है।
विगत शाम पेंच टाइगर रिजर्व की बफर जोन अंतर्गत कुरई से लगभग 7 किलोमीटर दूर गांव पिपरिया के समीप गांव रामली खैर घाट निवासी एक ग्रामीण पर बाघ ने हमला बोल दिया, जिसके चलते ग्रामीण की मौत हो गई इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव रमली खैर घाट निवासी गोवर्धन गांव की मवेशी समेत अपने स्वयं के बैल को चराने के लिए गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर जंगल की ओर गया था। जहां शुक्रवार को दोपहर लगभग 3 बजे बैल पर हमला बोल दिया। वही बैल को बचाने के लिए पशु मालिक गोवर्धन जब वहां पहुंचा तो बाघ ने पशु मालिक पर हमला बोल दिया। जख्मी हालत में बैल पशु मालिक के घर पहुंचा तो परिजन जख्मी बेल को देखा व समय से पहले बैल को घर आया देख चिंतित हो उठे। परिजन जंगल की ओर दौड़े जहां उन्हें पशु मालिक का शव नजर आया। यह घटना देख वे हदप्रभ रह गए।
खवासा सामान्य वन परिक्षेत्र के रेडी बीट कक्ष क्रमांक 356 में गोवर्धन पटले पिता ताराचन्द पटले उम्र लगभग 57 वर्ष निवासी रमली खारी टोला जो अपनी मवेशी चराने को गया था।
गांव के सभी मवेशी घर बापिस आ गए। गोवर्धन के गांव नही लौटने पर ग्रामीण परेशान हुए। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के अधिकारी को सूचना देने पर खवासा सामान्य वन परिक्षेत्र अधिकारी घनश्याम चतुर्वेदी स्टाफ सहित ग्रामीणों के साथ रेड्डी बीट के कक्ष क्रमांक 356 पर पहुंचे। जहां पर बाघ के हमले से गोवर्धन पटले की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि गोवर्धन के दो पुत्र हैं। जिसमें एक पुत्र संविदा कर्मी के तहत कहीं कार्य कर रहा है। तो एक पुत्र गांव में रहकर खेती करता है। गरीब परिवार के ऊपर कोई इस प्रकार की घटना से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।
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