सीहोर। अभी अप्रैल का महीना चल रहा है और जिले में अनेक गांव भीषण जलसंकट की चपेट में आ गए हैं। जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम खामलिया में भी जल संकट के चलते ग्रामीणों के पलायन करने की बातें सामने आ रही थी। इछावर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले खामलिया को लेकर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि गांव से किसी भी ग्रामीण ने पलायन नहीं किया है।
राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने हरीभूमि से चर्चा करते हुए कहा कि गांव के हरेक ग्रामीण से उनके जीवंत संपर्क है। गांव से किसी भी ग्रामीण ने गांव से पलायन नहीं किया है। गांव में जलसंकट की समस्या है, लेकिन इतनी विकराल समस्या नहीं है कि ग्रामीण गांव छोडक़र जा रहे हो। गांव में हर साल पानी की समस्या रहती है। इसके चलते अनेक ग्रामीण अपने खेतों पर मवेशियों को लेकर चले जाते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे ग्रामीणों का पलायन बता रहे हैं। राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि जल समस्या के निदान को लेकर उनकी पीएचई ईई से भी चर्चा हुई है। गांव में हैंडपंप खनन का कार्य भी हो गया है। इससे गांव में पानी की जो समस्या आ रही थी। वह भी खत्म हो जाएगी। राजस्व मंत्री ने बताया कि कुछ आसामाजिक तत्व और विरोधी पार्टी के लोग उनके विधानसभा में जल संकट होने को लेकर झूठे आवेदन देकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पास ऐसे लोगों के नाम भीआए हैं।
गांव में चल रहा जल संरक्षण के कार्य
खामलिया गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जलस्तर हर साल नीचे चला जाता है। इसके लिए गांव के तालाब में जल सरंक्षण के तहत भी काम हो रहे हैं। जिसमें गांव के ग्रामीण काम कर रहे हैं। तालाब गहरीकरण से गांव में जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी और गांव की जलसमस्या का स्थाई हल होने के साथ ही जलस्तर भी बड़ेगा। ग्रामीणों की माने तो गांव में पानी की समस्या है, लेकिन इतनी समस्या नहीं है कि गांव छोडक़र जाना पड़ रहा हो।
घरों पर ताले लगाकर खेतों पर गए ग्रामीण
पूर्व सरपंच मनोहर मेवाड़ा ने बताया कि ग्रर्मी के दिनों में हर साल पानी की समस्या रहती है। इसके चलते ग्रामीण खेतों पर चले जाते हैं। हर साल इस तरह की स्थिति बनती है। लेकिन कुछ लोगों ने गांव को बदनाम करने के लिए ग्रामीणों को का गांव से पलायन करने की अफवाह फैला दी गई है। उन्होंने बताया कि गांव में कुछ हैंडपंपों में पानी कम हुआ है, लेकिन पूरे हैंडपंपों ने पानी देना बंद नहीं किया है। पानी की कमी को लेकर उन्होंने गांव में हैंडपंप खनन के लिए आवेदन दिए हैं। इसके चलते मंगलवार को गांव में हैंडपंप खनन भी कर दिया गया।
गांव के 50 परिवारों के पलायन करने की आई थी खबर
खामलिया गांव की आबादी करीब तीन हजार है। जल संकट के चलते गांव के 50 से अधिक परिवार गांव छोडक़र पलायन करने की खबर आई है। इसके साथ ही उनके घरों पर ताले लटके बताए जा रहे थे। जिन लोगों के नाम पलायन की सूची में बताए जा रहे थे, उनमें से अनेक ने बताया कि वह हर साल गर्मी में अपने खेतों पर चले जाते हैं। इस साल भी वह अपने खेतों पर बने मकानों पर चले गए थे। गांव औरखेतों पर बने मकानो में उनका आना जाना लगा रहता है।