रामकथा का तीसरा दिन
सीहोर,। भगवान की भक्ति श्रद्धा और विष्वास से की जाती है, जब तक भगवान की लीला और उनकी कथाओं में हमारी प्रीति नहीं होती तब तक हमारी श्रद्धा नहीं जागती और जब तक श्रद्धा नहीं जागती तब तक हमें विष्वास नहीं होती। भगवान की उपस्थिति और उनका साथ, उनका मार्गदर्षन महसूस करने के लिए हमें भक्ति का ही आश्रय लेना होगा क्योंकि भगवान तर्क से कभी नहीं मिलते, भगवान सदैव अगाध श्रद्धा, प्रेम और अटल विष्वास से ही मिलते हैं। जिस मनुष्य के जीवन में भगवान की भक्ति नहीं होती उसका जीवन व्यर्थ ही होता है। भगवान निराकार हैं लेकिन उन्होंने साकार मनुष्य बनाए हैं, और अपने भक्तो के हित में वही निराकार भगवान साकार रूप धारण कर अवतरित होते है क्योंकि जो पूरी साकार सृष्टि को बना सकते हैं वे स्वयं भी साकार हो सकते हैं।
उक्त आषय के उदगार सुप्रसिद्ध श्री रामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी आश्रम सीहोर ने शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विष्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर शनिवार से नौ दिवसीय संगीतमयी श्री रामकथा के तीसरेे दिवस बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को रामरस में सराबोर करते हुए व्यक्त किए। महाराजश्री ने कहा मनुष्य का एक जन्म उसकी माता के गर्भ से होता है और दूसरा जन्म तब होता है वह जब सत्संग में प्रवेष करता है क्योंकि मानव जीवन तभी सफल है जब वह सत्संग में प्रवेष करें। उन्होंने कहा कि आजकल अतिथि को देखकर लोग सोच में पड जाते हैं जबकि किसी भी अतिथि का यथायोग्य स्वागत करना और भूखे को भोजन कराना सबसे बडा पुण्य है। महाराजश्री ने कथा में कहा कि आजकल लोग माता-पिता की सम्पत्ति के लिए लडते हैं जबकि वह पुत्र धन्य है जो अपने बाहुबल से कमाए हुए धन से माता-पिता की सेवा करे। उन्होंने कहा कि अपनी सुमधुर वाणी में महाराज जी ने कई भजन सुनाए जिन्हें सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी विष्वनाथपुरी में कथा आयोजन को लेकर आसपास के सभी क्षेत्रों में उत्साह का माहौल बना हुआ है। 3 अप्रैल गुरूवार से 11 अप्रैल शुक्रवार तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में अखंड रामायण का पाठ भी किया जाएगा जो 11 अप्रैल शुक्रवार को प्रातः 8 बजे प्रारंभ होगा एवं 12 अप्रैल को समापन पष्चात हवन किया जाएगा। इसके साथ ही सायंकाल 7 बजे से विषाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा। मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुजनों सेे श्रीरामकथा में उपस्थित होकर पुण्य लाभ लेने की अपील की है।
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