शहर में चर्चा: जान बूझकर रोका जा रहा सीवन उद्धार का काम


सीहोर। बारिश की शुरुआत होने में अब महज 48 दिन का समय ही शेष बचा है, ऐसे में कब सीवन नदी के गहरीकरण व सौंदर्यीकरण काम प्रारंभ होगा और कब खत्म होगा, इसे लेकर शहर भर में चर्चा होना शुरू हो गई है। विगत डेढ़ माह पहले सीवन उद्धार के बड़े-बड़े दावे किए गए, सीवन के गहरीकरण कार्य की शुरुआत भी हुई, लेकिन चंद रोज चले काम पर विराम लग गया है। अब शहर में चर्चा हो रही है कि श्रेय की राजनीति के चलते सीवन नदी के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण का काम जानबूझकर रोक दिया गया है। 
आपको बता दें सीवन उद्धार के लिए गहरीकरण व सौंदर्यीकरण कार्य के लिए बीते डेढ़ महीने पहले एक समिति गठित हुई थी, जिसे सीवन उद्धार समिति नाम दिया गया था। समिति सदस्यों ने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से मिलकर सीवन गहरीकरण कार्य की शुरुआत उनके हाथों कराने के लिए आमंत्रण दिया था। समिति इस काम को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत थी, कि अचानक सरकार द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान की घोषणा कर दी, जिसके चलते सीवन गहरीकरण का काम प्रशासनिक सिस्टम से होना शुरू हुआ, लेकिन शुरुआत होने के बाद चंद रोज तो नपा के मार्फत गहरीकरण का काम हुआ, उसके बाद से ही यह काम बंद पड़ा है, जबकि अब बारिश में महज 48 दिन का समय ही शेष रह गया है। 
लोगों में चल पड़ी चर्चा
सीवन नदी उद्धार के तहत गहरीकरण और सौंदर्यीकरण काम थमने के बाद से शहर में चर्चा चल पड़ी है। शहरवासियों का कहना है कि श्रेय की राजनीति के कारण सीवन नदी का काम नहीं हो रहा है। लोगों का मत है कि सीवन नदी शहर की जीवन दायिनी है, शहर हित में कम से कम इस काम में तो राजनीति नहीं होना चाहिए। सीवन नदी में गहरीकरण काम के रुकने के बाद अब लोग कयास लगा रहे हैं कि इसके पीछे जिम्मेदार कौन हैं नगर पालिका या जिला प्रशासन।

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