सीहोर की राजनीति को सीताराम...


सीहोर।
यह राजनीति है ही ऐसी बला... मन की हो तो अच्छी और यदि मन की न हो तो बुरी। ऐसे ही जिला मुख्यालय के एक जनप्रतिनिधि ने मन की न होने पर सीहोर की राजनीति को ही सीताराम कह दिया है। दरअसल, पहले नगर पालिका चुनाव में मन की नहीं हुई और अब संगठन चुनाव में भी इन्हें बैरुखी का सामना ही करना पड़ा। नतीजतन, संगठन चुनाव के बाद से ही नेताजी जी ने सीहोर की राजनीति को ही सीताराम कहकर प्रादेशिक राजनीति में अपना समय देना शुरू कर दिया है। नेताजी जी के पास प्रादेशिक बड़ा पद है, ऐसे में वह अब पूरा समय प्रदेश की राजनीति को ही दे रहे हैं। प्रादेशिक बैठकों में सम्मिलित हो रहे हैं। कुल मिलाकर जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से उन्होंने दूरी बना ली है। उनकी यह दूरी अब चर्चाओं में बनी हुई है। 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने