हम सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना करते हैं-जगदगुरु पंडित अजय पुरोहित

 


सीहोर। संत परंपरा पूरे दुनिया में केवल भारत में ही है, हम सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना करते हैं कि सब सुखी हों पूरा विश्व अपना परिवार है। यह सिर्फ सनातन धर्म में है और सनातन धर्म को मानने वाले अधिकतम भारत में ही हैं। हमारा परिवार सीमित नहीं होता पूरा विश्व हमारा परिवार है, जब उस व्यक्ति के मन में पूरे विश्व के प्रति सद्भावना जागृत होती हैं और वह जनसेवा की दृष्टि से आगे बढ़ता है, तब जीवन में वह संन्यास ग्रहण कर लेता है। उक्त विचार शहर के चाणक्यपुरी स्थित अपने निज निवास बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जगदगुरु पंडित अजय पुरोहित ने कहे। 

गुरुवार को कुंभ से लाइव प्रेसवार्ता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदगुरु गोपेश्वर चैतन्य महाराज ने कहा कि सार्वभौम सनातन धर्म महासभा के राष्ट्रीय महासचिव महामंडलेश्वर पंडित अजय पुरोहित को जगद्गुरु के रूप में अभिषेक का आयोजन प्रयागराज महाकुंभ 2025 में किया गया था। इस मौके पर सार्वभौम सनातन धर्म महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य उदय मिश्रा सहित अनेक नागों संतों और साधुओं के मध्य पंडित श्री पुरोहित का अभिषेक किया गया था। उन्होंने सनातन धर्म को शिखर में पहुंचाने वाले और कथाओं के बल पर जन-जन तक धर्म को पहुंचाने वाले  सार्वभौम सनातन धर्म महासभा के राष्ट्रीय महासचिव महामंडलेश्वर पंडित अजय पुरोहित अब जगदगुरु की उपधी प्राप्त कर चुके है। हमारे द्वारा मध्यप्रदेश के गृह विभाग और शासन को पत्राचार कर प्रोटोकाल की जानकारी भेजी गई है। 

 इस मौके पर जगदगुरु पंडित श्री पुरोहित ने कहा कि संत एक विचारधारा है, जिसके लिए किसी संप्रदाय में संत के रूप में दीक्षित होने का प्रावधान है। संत बनने के बाद जब वह कुंभ में जाता है तब अखाड़े में उसको महामंडलेश्वर की पदवी दी जाती है, तभी वह मंडल का महामंडलेश्वर बन जाता है। इसी प्रकार उसको जगदगुरु के रूप में अनेक कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। 

प्रेसवार्ता के दौरान जगद गुरु पंडित श्री पुरोहित ने कहा कि सार्वभौम सनातन धर्म महासभा की ओर से हिंदू आचार संहिता को बनाने का कार्य किया जा रहा है, इसे बनाने में श्रीमद्भागवद गीता, रामायण, महाभारत, पुराणों, मनु स्मृति, पराशर स्मृति, देवल स्मृति की भी मदद ली जाएगी, प्रयागराज महाकुंभ 2025 में बड़े स्तर पर आयोजन की तैयारियां हुई है। उन्होंने कहा कि देश में जगदगुरु का पद बहुत ही सम्मान की बात होता है, जगद गुरु को पूरे देश में राष्ट्रीय अतिथि के रूप में मिलता है। उन्होंने अपनी आगामी रुपरेखा के बारे में संक्षिप्त से बताते हुए कहा कि हिन्दु धर्म और सनातन मजबूत हो इसके लिए आचार संहित निर्धारित की जाएगी। 

जगदगुरु करेंगे शहर में सात दिवसीय शिव महापुराण

उन्होंने कहा कि शहर में जगदगुरु की पदवी हासिल करने के पश्चात आगामी 12 फरवरी से सात दिवसीय शिव महापुराण की कथा है, वहीं आगामी दिनों में देश के चारों धाम पर भ्रमण की योजना है। 

बच्चों के लिए मां-बाप का स्नेह सबसे महत्वपूर्ण

पेरेंट्स को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है जो बच्चों की परवरिश से जुड़ी है. उनका मानना है कि बच्चों के साथ समय बिताना बेहद जरूरी है क्योंकि यह रिश्तों को मजबूत करता है. महाराज जी ने कहा कि अगर माता-पिता अपने बच्चों को पर्याप्त प्यार और समय नहीं देंगे तो भविष्य में उन रिश्तों में खटास आ सकती है। बच्चों के लिए मां-बाप का स्नेह सबसे महत्वपूर्ण होता है और यह उन्हें न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनाता है। उनका संदेश स्पष्ट है कि बच्चों को समय दें नहीं तो वे भविष्य में उस प्यार को वापस नहीं कर पाएंगे जिससे रिश्तों में दूरी आ सकती है।

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